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भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस), बंगलौर
भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर वर्ष 1909 में स्थापित किया गया। यह संस्थान विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उच्च अध्ययन और उच्च स्तर का अनुसंधान प्रदान करता है। संस्थान ने 2 विभागों के साथ 1911 में कार्य करना प्रारंभ किया और 9 दशकों की अवधि से देश में उच्च अध्ययन के संस्थानों के बीच अपनी वर्तमान अग्रणी स्थिति को बरकरार रखते हुए इसे आगे बढ़ा रहा है। यह संस्थान एक स्नातकोत्तर संस्थान है जो विज्ञान इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में विभिन्न विषयों के अनुसंधान और विकास में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान कर रहा है। वर्तमान में इसके 40 विभाग और विज्ञान, भौतिक और गणित विज्ञान, इलैक्ट्रिकल साइंस, गणितीय विज्ञान और सूचना विज्ञान और सेवाओं के केन्द्र हैं।
संस्थान ने शिक्षण और अनुसंधान में ऐसे कई नए प्रयोग किए है जिन्होंने देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान दिया है। एमई, एम.टेक, एम.डेस्क, एमबीए, एम.एस.सी (इंजीनियरी) और पी.एचडी डिग्री पारंपरिक कार्यक्रम हैं। एकीकृत पी.एचडी कार्यक्रम देश के होनहार विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित करता है और बहुत ही प्रसिद्ध है। अन्य नवीन कार्यक्रम विज्ञान में युवा अध्येतावृत्ति कार्यक्रम और युवा इंजीनियरिंग अध्येतावृत्ति कार्यक्रम हैं। इसके अतिरिक्त, गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम, सतत शिक्षा और दक्षता कार्यक्रम के तहत पाठ्यक्रम प्रदान किए जाते हैं।
संस्थान का संकाय सार्वजनिक और निजी सेक्टर दोनों में निजी एजेंसियों और संगठनों द्वारा वित्तपोषित कई अनुसंधान प्रयोजनों को भी चलाता है। वैज्ञानिक और औद्योगिक परामर्श केन्द्र (सीएसआईसी), नवाचार और विकास समिति (एसआईडी) और एडवांसड बायोरेसीडियु एनर्जी टेक्नॉलोजी सोसायटी (एबीईटीएस) द्वारा संस्थान और उद्योग के बीच संवाद सशक्त होते हैं।
संस्थान में देश के किसी भी शैक्षिक संस्थान से सबसे बड़ी कम्प्यूटिंग सुविधाएं हैं और इसमें विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में श्रेष्ठ पुस्तकालय भंडार है। संस्थान में संकाय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजीटल लाइब्रेरी भी स्थापित की गई है और परिसर समुदाय ई-जनरल और ई-रिसोर्स का बड़ी मात्रा में चयन करके उसका प्रयोग भी करता है।
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