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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंजीनियरिंग शिक्षा और अनुसंधान के शीर्ष संस्थान है। वर्तमान में 16 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है अर्थात बम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास, गुवाहाटी, रूड़की, हैदराबाद, पटना, भुवनेश्वर, रोपड़, जोधपुर, गांधीनगर, इंदौर, मंडी और वाराणसी। ये सभी संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम 1961 द्वारा अभिशासित होते हैं जिन्होंने अपने को ‘राष्ट्रीय महत्व का संस्थान’ घोषित किया है; और अभिशासन के लिए अपनी शक्तियों, दायित्वों और कार्यढांचे को निर्धारित किया है।
आईआईटी का मुख्य उद्देश्य इजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करना, संगत क्षेत्रों में अनुसंधान करना और अध्ययन का आधुनिकीकरण करना और अध्ययन का आधुनिकीकरण और ज्ञान का प्रसार करना है। ये सस्थान भी आधारभूत विज्ञान और कला में शिक्षा और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रह हैं। विज्ञान प्रौद्योगिकी की राष्ट्रीय योजना के भाग के रूप में भारतीय ऊर्जा अध्ययन प्रौद्योगिकी संस्थान (दिल्ली), भौतिक विज्ञान (कानपुर), कायोजनिक इंजीनियरिंग (खड़गपुर), समुद्री इंजीनियरिंग (मद्रास) और संसाधन इंजीनियरिंग (बोम्बे) में 5 उच्च अध्ययन और अनुसंधान केन्द्र खोले गए हैं।
आईआईटी इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की विभिन्न शाखाओं में अवरस्नातक कार्यक्रम; विभिन्न इंजीनियरिंग और विज्ञान विषयों, अंतर विषयक क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ स्नातकोत्तर कार्यक्रम और पीएचडी कार्यक्रम प्रदान करता है और आधारभूत, विशेष और प्रोयोजित अनुसंधान करवाता है। वर्तमान में, आईआईटी बी.टेक, बी.आर्क. एमएससी, एम. डिजाइन, एम.फि, एम.टेक, एमबीए और पीएचडी डिग्री प्रदान करता है। आईआईटी में शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता विश्वस्तरीय है। ये संस्थान उद्योगों में उभरते हुए रूझानों के अनुसार पाठ्यक्रम का निरंतर मूल्यांकन और संशोधन कर रहे हैं। ये संस्थान गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम द्वारा अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों के संकाय के ज्ञान को अद्यतन करने में सहयोग देते हैं। पूर्व संकाय विकास कार्यक्रम (ईएफडीपी) के तहत मेजबान संस्थान के रूप में आईआईटी संबंधित क्षेत्रों की तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने में केन्द्र के रूप में कार्य करते है।
आईआईटी में अवरस्नातक में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भारतीय प्रौद्योगिकी – संयुक्त प्रवेश परीक्षा संस्थान (आईआईटी-जेईई) के आधार पर दाखिला दिया जाता है। वर्ष 2013 से प्रवेश के लिए संयुक्त् प्रवेश परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी, जेईई-मेन और जेईई-उच्च परीक्षा/जेईई उच्च परीक्षा, जेईई-मेन के बाद आयोजित की जाएगी, जिसमें पर्याप्त अंतर होगा। जेईई मेन के केवल शीर्ष 150,000 अभ्यर्थी (सभी वर्गों सहित) ही जेईई उच्च परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे। आईआईटी में प्रवेश केवल जेईई उच्च परीक्षा में वर्ग-वार अखिल भारतीय रैंक के आधार पर ही दिया जाएगा, जो इस शर्ता के अध्यधीन होगा कि ऐसे अभ्यर्थियों को लागू वर्गों मे अपने बोर्ड के शीर्ष 20 प्रतिशत सकल अभ्यर्थियों में होना होगा।
स्नातकोत्तर कार्यक्रम में प्रवेश इंजीनियरिंग स्नातक योग्यता परीक्षा (गेट) के माध्यम से दिया जाता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की सूची:
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खडगपुर (आईआईटी केजीपी)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर 1951 में 2100 एकड़ में फैले हुए ग्रीन स्प्रौलिंग कैंपस में 1951 में स्थापित किया गया। संस्थान इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में बी.टेक (आनर्स), वास्तुकला में बी.आर्क (आनर्स), दोहरी डिग्री कार्यक्रम, विज्ञान विषयों में स्वीकृत एम.एससी कार्यक्रम, दो वर्षीय एम.एससी कार्यक्रम, एम.टेक/एकसीपी/एमबीएम/एमएमएसटी, स्नातकोत्तर डिप्लोमा और पीएचडी डिग्री प्रदान करता है।
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2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई (आईआईटी बी)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, यूनेस्को तकनीकी सहायता कार्यक्रम के तहत उस समय की रूसी सरकार के सहयोग और भागीदारी से वर्ष 1958 में स्थापित किया गया।
सतत शिक्षा कार्यक्रम (सीईपी) के नए विद्यार्थियों के लिए बनाए गए टेलर कार्यक्रम द्वारा उद्योग को महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
संस्थान का दूरस्थ इंजीनियरिंग शिक्षा कार्यक्रम केन्द्र देश और विदेश में विद्यार्थियों, कॉलेज के शिक्षकों और काम करने वाले उद्योगों के व्यावसायिकों को गुणवत्तायुक्त इंजीनियरिंग शिक्षा प्रदान की है।
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3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटीएम)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास लगभग 250 हेक्टेयर की सुंदर जंगली भूमि पर स्थित है, जिसे 1959 में स्थापित किया गया था। संस्थान अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए प्रिपेटरी कोर्स के अतिरिक्त पीएचडी, एमएस, एम.टेक, एम.एससी. बी,टेक, दोहरी डिग्री कार्यक्रम, एमबीए और एम.ए. एकीकृत कार्यक्रम प्रदान करता है। यह सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सहयोग से पेवमेंट इंजीनियरिंग में यूजर ओरियंटिड कार्यक्रम और राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी और प्रबंधन कार्यक्रम आयोजित करता है। आटोमोटिव इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग डिजाइन और एम.टेक विशेषता में बी.टेक के बाद नोवल दोहरी डिग्री कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
इसने स्वयं को देश में शिक्षण, अनुसंधान और औद्योगिक परामर्श का मुख्य केन्द्र बनाया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संकाय, होनहार विद्यार्थी समुदाय, उत्कृष्ट तकनीकी और सहायक कर्मचारी और प्रभावशाली प्रशासन ने आईआईटी मद्रास के उत्कृष्ट स्तर में अपना योगदान दिया है।
सतत शिक्षा केन्द्र ने उद्योग में कार्य कर रहे कर्मचारियों और अन्य तकनीकी संस्थानों के संकाय सदस्यों के लाभ के लिए कार्यों को प्रोत्साहित करने में सक्रिय भूमिका निभाई है।
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4. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटीके)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वर्ष 1960 में स्थापित किया गया, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर का परिसर 1100 एकड़ का है। संस्थान प्रोद्योगिकी और विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में स्नातक, स्नातकोत्तर और डाक्टरल डिग्री प्रदान करता है। इसका विश्वस्तरीय आधार पर कुशल संकाय और सजग चयन प्रक्रिया (जेईई/गेट/जेएमईटी/जेएएम) द्वारा देश से होनहार विद्यार्थियों को भर्ती करने का विशेष प्रयास रहा है। इसमें उत्कृष्ट वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी पुस्तकालय है जिसमें कैंपस लेन (लेन) में आनलाइन सूचना संस्करण प्रणाली है।
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5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटीडी)
इसकी स्थापना 1961 में इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई, संस्थान को ‘प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) अधिनियम 1961’ के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया और 1963 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली बन गया।
संस्थान अवरस्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान और इंजीनियरिंग विषयों में कई शैक्षिक कार्यक्रम प्रदान करता है। इसके केन्द्रीय पुस्तकालय में पुस्तकों और पत्रिकाओं का बड़ा भंडार है।
शिक्षण और अनुसंधान के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए संस्थान ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और अनुसंधान और विकास संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
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6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुहावटी (आईआईटीजी)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी, प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) अधिनियम 1994 मे तहत 1 सितम्बर, 1994 को स्थापित हुआ, यह बह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर 285 हैक्टेयर के हरे भरे क्षेत्र में स्थित है।
संस्थान बी.टेक, बी.डेस, एम.टेक, पीएचडी और एम.एससी कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान मुख्य रूप से सरकारी एजेंसियों से प्रयोजित अनुसंधान परियोजनाओं के माध्यम से संस्थान राज्य सरकारों, उत्तर पूर्व रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, तेल एवं गैस सेक्टर के संगठनों जैसे एजेंसियों को परामर्श के लिए सेक्टर भी प्रदान करता है। पूर्वोत्र के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों के बीच उद्यमियता को प्रोत्साहत करने के लिए संस्थान ने प्रौद्योगिकी उद्भवन केन्द्र स्थापित किया है।
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7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की को सिंतबर 2001 में रूड़की विश्वविद्यालय से परिवर्तित कर दिया गया था। संस्थान का मुख्य केन्द्र रूड़की (365 एकड़) में है और इसका छोटा परिसर रूड़की से 50 कि.मी. दूर सहारनपुर (25 एकड़) में है। आईआईटी रूड़की अनेक शैक्षिक कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और प्रबंध शाखाओं में बी.टेक/बी.आर्क, दोहरी डिग्री (बी.टेक+एम.टेक) कार्यक्रम, स्नातकोत्तर कार्यक्रम (एम.टेक/एमबीएम/एम.एससी/एमसीए) और पीएचडी कार्यक्रम प्रदान करता है। इसका केवल एक शैक्षिक केन्द्र (एएचईसी) और तीन उत्कृष्टता केन्द्र( नेनोटेक्नोलॉजी, आपदा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली) हैं।
सहयोग के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों/संस्थानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए है।
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8. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद, आंध्र प्रदेश ने अपना कार्य आयुद्ध, मेडक, हैदराबाद में स्थित अस्थाई परिसर से वर्ष 2008-09 के शैक्षिक वर्ष से करना प्रारंभ यिा। संस्थान ने कडी, जिला मेडक, आंध्र प्रदेश में स्थाई परिसर में निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है।
संस्थान डिग्री/स्नातकोत्तर/पीएचडी कार्यक्रम आधारित कार्यक्रम प्रदान करने के अतिरिक्त, प्रायोजित अनुसंधान और विकास परियोजनाए भी चला रहा है।
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9. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राजस्थान
जोधपुर में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राजस्थान ने अपना कार्य शैक्षिक वर्ष 2008-09 से करना प्रारंभ कर दिया। वर्तमान में यह एमबीए इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर में स्थित है, जहां यह बी.टेक, एम.टेक कार्यक्रम प्रदान करने क अतिरिक्त, ऊर्जा में उत्कृष्टता केन्द्र, सूचना और प्रौद्योगिकी सैंड प्रणाली विज्ञान में पीएचडी कार्यक्रम भी चला रहा है। संस्थान के स्थाई परिसर की दीवार का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और संस्थान परिसर के मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।
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10. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़, पंजाब ने शैक्षिक वर्ष 2008-09 के शैक्षिक वर्ष से कार्य करना प्रारंभ किया। वर्तमान में संस्थान राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, रूपनगर, रोपड़ के परिसर से कार्य कर रहा है।
संस्थान अनेक क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकी शिक्षा प्रणाली करने और शिक्षा विज्ञान में अद्यतन विकास को ध्यान में रखते हुए ज्ञान के प्रसार को सुकर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में संस्थान कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक कार्यक्रम, एम.टेक कार्यक्रम में पीएचडी कार्यक्रम प्रदान कर रहा है।
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11. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी, हिमाचल प्रदेश ने शैक्षिक वर्ष 2009-10 के शैक्षिक वर्ष से कार्य करना प्रारंभ किया। वर्तमान में संस्थान कामड, मंडी के परिसर से कार्य कर रहा है। संस्थान का दृष्टिकोण आने वाले वर्षों में प्रौद्योगिकी को अनुसंधान और विकास प्रदान करना है।
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12. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर, मध्यप्रदेश ने अपना कार्य इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, खांडवा, इंदौर से अस्थाई परिसर से वर्ष के शैक्षिक वर्ष 2009-10 से करना प्रारंभ किया। संस्थान के स्थाई परिसर की भूमि जो सिरमोल, खांडवा रोड, इंदौर में स्थित है को जून 2012 में संस्थान को सौंप दिया गया और संस्थान की चार दीवारी का निर्माण शुरू हो गया।
संस्थान का लक्ष्य शिला, अनुसंधान और विकास पर फोकस करके भारत की वृद्धि को बढ़ाने के कार्य में सक्रिय भूमिका निभाना है।
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13. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना ने राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर, पाटलीपुत्र, पटना के स्थित अस्थाई परिसर से शैक्षिक वर्ष 2008-09 से कार्य करना प्रारंभ कर दिया। भीटा, पटना में स्थित स्थाई परिसर की चार दीवारी पूरी बन गई है और संस्थान ने मास्टर प्लान और परियोजना को कार्यान्वित करने वाली एजेंसी को अंतिम रूप दे दिया है।
संस्थान ने अपने 8 विभगों मे बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी कार्यक्रम लाने के लिए आधुनिक मशीनों और प्रौद्योगिकी से जुडी हुई सभी आधुनिक सुविधाएं विकसित की हैं।
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14. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधी नगर, गुजरात ने विश्वकर्मा राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, अहमदाबाद, गुजरात स्थित अस्थाई परिसर से शैक्षिक वर्ष 2008-09 से अपना कार्य करना प्रारंभ किया। संस्थान ने 30 जुलाई, 2012 की पलेज गांव, गांधीनगर, गुजरात के समीप जमीन ले जी है और निर्माण के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया है।
संस्थान का लक्ष्य अंतरविषयक अनुसंधान के विस्तार और स्वरूप समाज बनाए रखने में प्रौद्योगिकी के प्रयोग के प्रयास और सशक्तिकरण का है।
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15. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेशर, ओडिश आईआईटी खड़गपुर के संरक्षण में जुलाई 22, 2008 को स्थापित हुआ और वर्तमान में भुवनेशर के अस्थाई परिसर से कार्य कर रहा है। संस्थान के स्थायी परिसर के लिए भूमि को भुवनेशर हवाई अड्डे से 25 किलोमीटर दूर ऊरगुल जतनी में अंतिम रूप दे दिया है। संस्थान ने मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया है और चार दीवारी, अंदरूनी सड़कों और छात्रावास का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है।
संस्थान बौधिक वृद्धि और कौशल प्राप्ति और अंतरविषयक अनुसंधान और बौधिक प्रयास के विस्तार को सहायता प्रदान करने वाले प्रतियोगी शैक्षिक कार्यक्रम और वातावरण को वैश्कि रूप से प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संस्थान वर्तमान में कुछ विषयों में एम.टेक और पीएचडी कार्यक्रम के साथ-साथ तीन विषयों में बी.टेक कार्यक्रम प्रदान कर रहा है।
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16. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय) वाराणसी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदु विश्वविद्यालय (आईटी-बीएचयू) जो बनारस हिंदु विश्वविद्यालय का घटक था, को 29 जून, 2012 से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बनारस हिंदु विश्वविद्यालय) वाराणसी में परिवर्तित हो गया।
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