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भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी)
सूचना प्रौद्योगिकी ज्ञान अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण साधन है। भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वैश्विक प्लेयर के रूप में उभर रहा है। 1990 के दशक से भारत में साफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निरंतर वृद्धि हुई है। चूंकि, सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग तेजी से विस्तृत हो रहा है इसलिए मानव शक्ति की आवश्कयता भी बढ़ रही है। ज्ञान अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए जनशक्ति को विस्तृत करने के उद्देश्य से शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण रूप से पूर्वापेक्षित है। भारत सरकार ने इलाहाबाद, ग्वालियर, जबलपुर, कांचीपुरम और कुर्नूल में 5 आईआईआईटी स्थापित किए हैं। ये संस्थान अवर स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ग्वालियर में स्थित आईआईआईटी प्रबंध में आईटी के लिए स्थापित किया गया है। जबलपुर, कांचीपुरम और कुर्नूल में स्थित आईआईआईटी निर्माण और डिजाइन में आईटी के लिए स्थापित किया गया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत देश में सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति पर 20 और अधिक आईआईआईटी स्थापित किए गए हैं।
आईआईआईटी में अवर स्नातक कायक्रमों में प्रवेश जेईई (मुख्य) प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों की सूची :
1. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहबाद
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहबाद 1999 में स्थापित किया गया और इसे वर्ष 2000 में सम विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। संस्थान में मुख्य क्षेत्रों में अवर स्नातक (इंफार्मेशन टेक्नॉलोजी और इलैक्ट्रानिक्स और कम्यूनिकेशन में बी.टेक), स्नातकोत्तर कार्यक्रम (बायो-इंफोर्मेटिक्स, इंजेलिजेंट सिस्टम, वायरलेस सिस्टम एंड कम्प्यूटिंग एंड सॉफ्टवेयर इंजीनियंरिग, ह्यूमन कम्प्यूटर इंटरेक्शन, रॉबोटिक और माइक्रो इलैक्ट्रोनिक्स) एम.बीए (सूचना प्रौद्योगिकी), मास्टर ऑफ साइंस इन साइबर लॉ एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, एम.एस (सीएसआईएस) और पीएच.डी कार्यक्रम हैं। आईआईआईटी, इलाहाबाद का विस्तार केन्द्र अमेठी में है। जुलाई, 2005 से बी.टेक (सूचना प्रौद्योगिकी) पाठ्यक्रम और बी.टेक (ईसी) पाठ्यक्रम पहले से चल रहे है।
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2. अटल बिहारी वाजपाई भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एबीवी- आईआईआईटीएम), ग्वालियर
अटल बिहारी वाजपाई भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एबीवी- आईआईआईटीएम), ग्वालियर एक सम विश्वविद्यालय है और भारत सरकार द्वारा स्थापित जनवरी, 1996 में शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंध संस्थान है। संस्थान के पास ग्वालियर के किले की तलहटी पर 160 एकड़ भूमि में विस्तृत परिसर है। संस्थान के पास विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के चहुमुखी विकास के लिए सभी आधारभूत सुविधाएं है।
संस्थान अनुसंधान और शिक्षा प्रौद्योगिकी निर्माण और व्यवसाय नेतृत्व की ओर योगदान दे रहा है। संस्थान का शैक्षिक कार्यक्रम उभरते हुए उद्योगों की समस्याओं का सुलझाने के लिए एक दृष्टिकोण के निर्माण हेतु एक मंच के रूप में प्रौद्योगिकी के साथ अवधारणा के रूप में प्रबंध का जोड़ रहा है।
वर्तमान में संस्थान 5 वर्षीय दोहरी डिग्री कार्यक्रम, एमबीए कार्यक्रम और एम.टेक कार्यक्रम चला रहा है। संस्थान में पीएच.डी कार्यक्रम भी है। शैक्षिक कार्यक्रमों को अधिगम, संरक्षण, केसटूल, समूह अध्ययन और सहयोगी अध्ययन सहित शिक्षा शास्त्र के नवाचारों द्वारा प्रदान किया जा रहा है।
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3. पंडित द्वारिका प्रसाद मिशरा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, अभिकल्पना एवं निर्माण संस्थान (आईआईआईटीडीएम), जबलपुर
वैश्विकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था के खुलने के कारण हमारे निर्माण क्षेत्र को घरेलू बाजार के लिए वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धा करनी करनी होगी। इसके लिए अग्रणी प्रौद्योगिकी/गुणवत्ता और लागत लाभ के साथ अच्छे उत्पाद की आवश्यकता होगी। भारत के पास बड़ी और विविध और प्रशिक्षित मानव शक्ति है। डिजाइन, निर्माण के साथ आपेक्षित विषयों के ज्ञान को एकीकृत करने के लिए नए शैक्षिक कार्यक्रम के विकास की आवश्यकता है। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, पंडित द्वारिका प्रसाद मिशरा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, अभिकल्पना एवं निर्माण संस्थान (आईआईआईटीडीएम), जबलपुर को 2005 में स्थापित किया गया। संस्थान ने एक उत्कृष्ट शैक्षिक संस्थान की परिकल्पना की है जो वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों और निर्माण के प्रतियोगी लाभ को सुकर बनाएगा और प्रोत्साहित करेगा। संस्थान आधुनिक अवधारणाओं, प्रक्रियाओं, साधनों और वैश्विक उद्योग की प्रक्रियाओं का प्रयोग करते हुए उत्पाद जीवन चक्र प्रबंधन, डिजाइनिंग और निर्माण के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान हेतु अंतरविषयक संस्थान के रूप में कार्य करता है। यह ऑटोमोबाइल, एरोस्पेस और रक्षा, औद्योगिक मशीनरी, इंजीनियरिंग सेवाए, हाईटेक इलैक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता सामग्री आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकता को पूरा करेगा।
संस्थान कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, डिजाइन, इलैक्ट्रोनिक्स और कम्प्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विषयों में बी.टेक, एम.टेक, एम.डेस्क और पी.एचडी कार्यक्रम प्रदान करता है।
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4. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, अभिकल्पना एवं निर्माण संस्थान (आईआईआईटीडीएम), कांचीपुरम
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, अभिकल्पना एवं निर्माण संस्थान (आईआईआईटीडीएम), कांचीपुरम वर्ष 2007 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक उत्कृष्ट केन्द्र है। वर्तमान में संस्थान वंडालूर-केलाबाकम रोड, चेन्नई-600127 में स्थित मीलाकोटायूर में स्थित अपने परिसर से कार्य कर रहा है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, अभिकल्पना एवं निर्माण संस्थान (आईआईआईटीडीएम), कांचीपुरम मैकेनिकल इंजीनियरिंग (डिजाइन और निर्माण), इलैक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग (डिजाइन और निर्माण) और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में 4 वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त संस्थान इलैक्ट्रोनिक्स सिस्टम डिजाइन, मैकेनिकल सिस्टम डिजाइन, कम्प्यूनिकेशन सिस्टम में 2 वर्षीय एम.डेस्क और इंजीनियरिंग/सहायक क्षेत्रों के अंतरविषयक सेक्टरों में पीएच.डी कार्यक्रम प्रदान करता है।
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5. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, अभिकल्पना एवं निर्माण संस्थान (आईआईआईटीडीएम), कुर्नूल
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विनिर्माण संस्थान, कुर्नूल (आईआईआईटीडीएम) को भारत सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत अपने दायित्व को प्रभावी करने की घोषणा की गई थी। आईआईआईटीडीएम कुर्नूल को आईआईआईटी अधिनियम 2014 में संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया था। आंध्र प्रदेश सरकार ने कुरनूल में एक स्थायी परिसर की स्थापना के लिए 151 एकड़ का क्षेत्र आवंटित किया है। वर्तमान में, संस्थान कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शाखाओं में 4 वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम के लिए प्रवेश प्रदान करता है।
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