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अवलोकन

सरकार का एक प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी विद्यार्थी गरीब होने के कारण उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रहे। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, उच्चतर शिक्षा विभाग (डीएचई) ने आर्थिक रूप से कमज़ोर विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति, शिक्षा ऋण पर ब्याज अनुदान और शिक्षा ऋण के लिए ऋण गारंटी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु योजनाएँ शुरू की हैं। देश के सभी श्रेणी के विद्यार्थी (अर्थात, सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और दिव्यांगजन) योजनाबद्ध मानदंडों के अनुसार वित्तीय सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएँ इस प्रकार हैं:

कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए पीएम-यूएसपी केंद्रीय क्षेत्र छात्रवृत्ति योजना

इसका उद्देश्य उन सफल मेधावी विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो कक्षा 12वीं या समकक्ष परीक्षा में 80 प्रतिशतता से अधिक अंक प्राप्त करते हैं और जिनके परिवार की वार्षिक आय 4.5 लाख रुपये तक है। छात्रवृत्ति अधिकतम 5 वर्षों तक दी जाती है, पहले तीन वर्षों के लिए 12,000 रुपये प्रति वर्ष तथा अध्ययन के चौथे और पांचवें वर्ष के लिए 20,000 रुपये प्रति वर्ष।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए पीएम-यूएसपी विशेष छात्रवृत्ति योजना

संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बाहर की संस्थाओं में स्नातक और एकीकृत डिग्री पाठ्यक्रम करने के लिए संघ राज्य क्षेत्रों के उन विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष 5000 नई छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं, जिनकी पारिवारिक आय 8.00 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक है। सामान्य डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षण शुल्क हेतु छात्रवृत्ति की दर 30,000 रुपये प्रतिवर्ष, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष और चिकित्सा अध्ययन के लिए 3.00 लाख रुपये प्रतिवर्ष है। इस योजना के अंतर्गत सभी विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष 1.00 लाख रुपये का निश्चित भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया जाता है।

पीएम-यूएसपी केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना (सीएसआईएस)

इस योजना का उद्देश्य पात्र विद्यार्थियों को बिना किसी संपार्श्विक प्रतिभूति और तृतीय-पक्ष द्वारा गारंटी के, 10.00 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर अधिस्थगन अवधि (पाठ्यक्रम अवधि और एक वर्ष) के दौरान पूर्ण ब्याज अनुदान प्रदान करना है। पारिवारिक आय सीमा 4.50 लाख रुपये प्रति वर्ष है। ब्याज सब्सिडी केवल एनएएसीसी प्रत्यायन प्राप्त संस्थाओं या एनबीए या राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों या केंद्रीय वित्तपोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) द्वारा प्रत्यायन प्राप्त संस्थाओं में व्यावसायिक/तकनीकी कार्यक्रमों के लिए पात्र है।

शिक्षा ऋण के लिए ऋण गारंटी निधि योजना (सीजीएफएसईएल)

"शिक्षा ऋणों के लिए ऋण गारंटी निधि योजना (सीजीएफएसईएल)" दिनांक 16.09.2015 को अधिसूचित की गई थी। सीजीएफएसईएल के अंतर्गत, केंद्र सरकार विद्यार्थियों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋणों के लिए बिना किसी संपार्श्विक प्रतिभूति और तृतीय-पक्ष द्वारा गारंटी के अधिकतम 7.5 लाख रुपये की ऋण सीमा की गारंटी देती है। यह निधि, इस प्रयोजन के लिए विभाग के ट्रस्टी, राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) के माध्यम से चूक राशि के 75% तक गारंटी कवर प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना

प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्चतर शिक्षा संस्थाओं (क्यूएचईआई) में प्रवेश लेने वाला कोई भी विद्यार्थी, पाठ्यक्रम से संबंधित पूरी ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों को वहन करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी जमानत या गारंटर के ऋण प्राप्त करने का पात्र होगा। इसके अलावा, 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले और किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज सहायता योजनाओं के अंतर्गत लाभ के पात्र नहीं होने वाले एक लाख नए विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष ऋण स्थगन अवधि के दौरान 3% ब्याज छूट प्रदान की जाएगी।

विदेश छात्रवृत्तियाँ

शिक्षा मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग सांस्कृतिक/शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के अंतर्गत विदेशी देशों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति की प्रक्रिया को सुगम बनाता है।